Source: safalta
National Unity Day 2022, राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व और इतिहास क्या है
भारत में हर साल 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस या नेशनल यूनिटी डे मनाया जाता है। सरदार वल्लभभाई पटेल एक लोकप्रिय नेता थे। भारत में जिन्हें भारत के एकीकरण कर्ता के रूप में भी जाना जाता है सरदार वल्लभ भाई पटेल नें भारत के 565 रियासतों (राज्यों) को एक करने के लिए जाने जाते हैं। भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रयासों को सम्मानित करने के लिए हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह एक प्रभावशाली राजनेता थे जिन्होंने भारत को एक करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राष्ट्रीय एकता दिवस पहली बार सरदार वल्लभभाई पटेल की 139 वी जयंती के अवसर पर 31 अक्टूबर 2014 को मनाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने के लिए घोषित किया था।
सरदार वल्लभ भाई पटेल से जुड़े वह तथ्य जो उन्हें लौह पुरुष के नाम से जाना जाता है
भारत के पहले गृह मंत्री एवं उप प्रधानमंत्री ने अपनी दृढ़ साहस और इच्छा शक्ति, नेतृत्व कौशल से भारत के 600 देसी रियासतों को एक भारतीय संघ में विलय किया था। इनके इन्हीं योगदान के लिए इन्हें भारत के लौह पुरुष के नाम से जाना जाता है। छोटी-छोटी सभी रियासतों को एक भारत में मिलाना आसान नहीं था बहुत से राजाओं और नवाबों ने इनका विरोध किया था, लेकिन फिर भी इन्होंने भारत के सभी रियासतों को एक करने में कामयाबी हासिल की थी। ऐसे में आइए जानते हैं
सरदार वल्लभभाई से जुड़े 10 महत्वपूर्ण फैक्ट
भारत के पहले गृह मंत्री एवं उप प्रधानमंत्री ने अपनी दृढ़ साहस और इच्छा शक्ति, नेतृत्व कौशल से भारत के 600 देसी रियासतों को एक भारतीय संघ में विलय किया था। इनके इन्हीं योगदान के लिए इन्हें भारत के लौह पुरुष के नाम से जाना जाता है। छोटी-छोटी सभी रियासतों को एक भारत में मिलाना आसान नहीं था बहुत से राजाओं और नवाबों ने इनका विरोध किया था, लेकिन फिर भी इन्होंने भारत के सभी रियासतों को एक करने में कामयाबी हासिल की थी। ऐसे में आइए जानते हैं