CBSE: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने डमी प्रवेश की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
इसी क्रम में बोर्ड ने दिल्ली के 18 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
इस निर्णय की पुष्टि सीबीएसई के सचिव द्वारा की गई।
CBSE Inspection: 18 और 19 दिसंबर 2024 को हुआ औचक निरीक्षण
सीबीएसई ने अपने मानदंडों और संबद्धता नियमों की जांच के लिए 18 और 19 दिसंबर 2024 को औचक निरीक्षण किए।
- पहले दिन (18 दिसंबर): दिल्ली के विभिन्न स्कूलों का निरीक्षण किया गया।
- दूसरे दिन (19 दिसंबर): बेंगलुरु, पटना, बिलासपुर, वाराणसी, और अहमदाबाद के स्कूलों का निरीक्षण हुआ।
इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि स्कूल सीबीएसई के मानदंडों और संबद्धता उपनियमों का सही तरीके से पालन कर रहे हैं।
निरीक्षण टीमों ने छात्र नामांकन रिकॉर्ड, बुनियादी ढांचे, और स्कूलों की समग्र कार्यप्रणाली की गहन जांच की।
29 टीमों का निरीक्षण अभियान
औचक निरीक्षण के लिए 29 टीमों का गठन किया गया था।
हर टीम में एक सीबीएसई अधिकारी और एक संबद्ध स्कूल के प्रिंसिपल शामिल थे।
इन निरीक्षणों से सामने आया कि कई स्कूलों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए ऐसे छात्रों को नामांकित किया है जो नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित नहीं होते।
यह "डमी नामांकन" की समस्या को उजागर करता है।
इसके अतिरिक्त, कुछ स्कूल बुनियादी ढांचे से संबंधित मानकों का पालन करने में भी विफल पाए गए।
कार्रवाई की दिशा में कदम
सीबीएसई ने इन उल्लंघनों को गंभीरता से लेते हुए 18 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
साथ ही, दोषी स्कूलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की योजना भी बनाई जा रही है।
नवंबर में की गई सख्त कार्रवाई
डमी प्रवेश के खिलाफ सीबीएसई पहले भी सख्त कार्रवाई कर चुका है। नवंबर 2024 में, बोर्ड ने नियमों का उल्लंघन करने पर 21 स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी थी। इसके अतिरिक्त, 6 स्कूलों को सीनियर सेकेंडरी स्तर से घटाकर माध्यमिक स्तर पर कर दिया गया।
3 सितंबर 2024 को राजस्थान और दिल्ली के 27 स्कूलों में हुए औचक निरीक्षण के दौरान भी यह पाया गया था कि कक्षा 9 से 12 के कई छात्र नियमित रूप से स्कूल नहीं आ रहे थे।
सीबीएसई सचिव का बयान
सीबीएसई सचिव हिमांशु गुप्ता ने कहा, "डमी या गैर-उपस्थित प्रवेश की प्रथा स्कूली शिक्षा के बुनियादी उद्देश्यों को कमजोर करती है और छात्रों के विकास में बाधा डालती है। इस समस्या के समाधान के लिए, हम डमी स्कूलों के खिलाफ निर्णायक कदम उठा रहे हैं। संबद्ध स्कूलों को यह सख्त संदेश दिया जा रहा है कि वे ऐसे प्रथाओं को बढ़ावा देने से बचें।"
सीबीएसई का रुख स्पष्ट
सीबीएसई ने स्पष्ट कर दिया है कि डमी प्रवेश जैसी प्रथाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह अभियान शिक्षा के उच्च मानकों को बनाए रखने और छात्रों को एक गुणवत्तापूर्ण वातावरण प्रदान करने के लिए चलाया जा रहा है। बोर्ड द्वारा उठाए गए ये कदम शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल हैं।