भारतीय अर्थव्यवस्था और इसके वर्गीकरण Indian economy and Its classification

Safalta Experts Published by: Anonymous User Updated Thu, 02 Sep 2021 01:40 PM IST

Source: amarujala

भारतीय  अर्थव्यवस्था का स्वरूप एवं  विशेषताएं–

  • भारतीय अर्थव्यवस्था एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है।
  • मिश्रित अर्थव्यवस्था से तात्पर्य सार्वजनिक और निजी क्षेत्र का एक साथ कार्य करना होता है।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की चौथी बड़ी अर्थव्यस्था है।
  • भारत की मिश्रित अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के उधमों का
  •  विभाजन मुख्य रूप से संसद के 1956 के औधोगिक नीति प्रस्ताव से आरम्भ होता है।
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अर्थव्यवस्था को तीन बड़े क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है- 
  1. प्राथमिक क्षेत्र-  कृषि, वन, मछली, पालन, उत्खनन आदि प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत आते है,जहा उत्पादन कार्य प्राथमिक स्तर पर होता है।
  2. द्वितीयक क्षेत्र-  इसे विनिर्माण क्षेत्र भी कहा जाता है। इसके अंतर्गत मुख्यतः विनिर्माण उद्योग, लौह-इस्पात, सीमेंट, बिजली, गैस, जलापूर्ति आदि उद्योग आते है।
  3. तृतीययक क्षेत्र- इसे सेवा क्षेत्र(servicesector/Tertiary sector) भी कहा जाता है।
    इसके अंतर्गत परिवहन, व्यापार, वाणिज्य, वित्तीय सेवा, डाक सेवा, एवं सामुदायिक सेवा आते है।

भारतीय अर्थव्यवस्था का वर्गीकरण

प्राथमिक क्षेत्र

  द्वितीयक क्षेत्र

  तृतीयक क्षेत्र

कृषि एवं पशुपालन, 

वन उद्योग एवं लठ्ठे बनाना  

मत्स्य पालन खनन एवं उत्पादन।

निर्माण पंजीकृत एवं गैर पंजीकृत, 

विनिर्माण पंजीकृत एवं गैर पंजीकृत 

 विद्युत, गैस जलापूर्ति

परिवहन, संग्रहण एवं संचार, व्यापार

होटल तथा जलपान गृह बैंक,बीमा, स्थावर संपदा, आवास गृहों का स्वामित्व

व्यावसायिक सेवाएं सरकारी तथा रक्षा प्रशासन अन्य सेवाएं

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