वर्नन की बुद्धि वर्गीकरण के बारे में खास जानकारी About Vernon's classification of intelligence

Safalta experts Published by: Blog Safalta Updated Sat, 11 Sep 2021 03:31 PM IST

Source: ScienceAlert

वर्नन ने  बुद्धि की परिभाषाओं को तीन कोटियों यथा जैविक , मनोवैज्ञानिक व संक्रियात्मक बुद्धि में बांटा है - 

1) जैविक उपागम ( Biological Approach) : इस कोटि की परिभाषाओं में बुद्धि को व्यक्ति की अनुकूलन क्षमता के रूप में प्रत्यक्षीकृत किया गया है। यदि मनोविज्ञान की एक जीव विज्ञान के अनुसार व्याख्या की जाती है, तो बुद्धि को इस आधार पर वातावरण के अनुकूल की क्षमता कहा जा सकता है ।
इस उपागम की समीक्षा करने पर पता  चलता है कि बहुत से महान वैज्ञानिक , शिक्षाविद व दार्शनिक अपनी संभवतः बुद्धिमत्ता के कारण अपने सामाजिक व भौतिक पर्यावरण के साथ अनुकूलन करने में सक्षम पाये गये। साथ ही अगर आप भी इस पात्रता परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं और इसमें सफल होकर शिक्षक बनने के अपने सपने को साकार करना चाहते हैं, तो आपको तुरंत इसकी बेहतर तैयारी के लिए सफलता द्वारा चलाए जा रहे CTET टीचिंग चैंपियन बैच- Join Now से जुड़ जाना चाहिए।

2) मनोवैज्ञानिक उपागम ( Psychological Approach) : बुद्धि की कुछ ही परिभाषाओं में वंशक्रम व पर्यावरण की भूमिका का उल्लेख है। बर्ट ने बुद्धि को जन्मजात सामान्य संज्ञात्मक योग्यता बताया है। हैब (Hebb) के अनुसार वंशानुगत रूप से व्यक्ति में प्रतिदिन के व्यवहार में पाई जाने वाली बुद्धिमत्ता को बुद्धि कहा जाता है। यह वंशानुगद एवं पर्यायवरणजन्य कारकों का प्रतिफल है।
 
Current Affairs Ebook Free PDF: डाउनलोड करें General Knowledge Ebook Free PDF: डाउनलोड करें


3) संक्रियात्मक उपागम ( Operational Approach) : बुद्धि को स्पष्ट व निश्चित रूप से समझने के लिए संक्रियात्मक उपागम आवश्यक है। संक्रियात्मक उपागम यह परिभाषित करती है कि कुछ  निश्चित निरीक्षणों/ अवलोकनो के लिए क्या क्या किया जाना चाहिए । जैसे बुद्धिलब्धि का पता लगाने के लिए विशिष्ट परीक्षणों का प्राकासन किया जाता है। इसके उपरांत व्यक्ति के निष्पादन की गणना कर निर्णय किया जाता है । यह प्रक्रिया बुद्धिलब्धि को परिभाषित करती है।

उपर्युक्त परिभाषाओं से ज्ञात होता है कि ये परिभाषाएं अलग अलग होते हुए भी अंतर्निभरता लिए हुए हैं। बुद्धि के प्रत्यय की समक्ष हेतु यह वर्गीकरण किया गया है। तीनों वर्गों की परिभाषाओं का समन्वय और विस्तृत रूप वेसलर ( Weschler) के विचारों में देखने को मिलता है