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NExT ने किया NEET PG परीक्षा को रिप्लेस, जाने क्या है एनईएक्सटी एग्जाम
मेडिकल के क्षेत्र या एमबीबीएस में करियर बनाने वाले छात्रों के लिए एक बड़ी खबर आई है। देश के सबसे बड़े एंट्रेंस एग्जाम में से 1 नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट पीजी NEET PG अगले साल आखरी बार आयोजित किया जा सकता है। देश में नेशनल मेडिकल कमीशन एनएमसी ने NEET PG एंट्रेंस टेस्ट को लेकर एक रिप्लेसमेंट प्लान तैयार किया है। इसके अलावा एमबीबीएस डिग्री पीजी में एडमिशन प्रैक्टिस के लिए और विदेशों में एडमिशन लेने के लिए भी यह एग्जाम देना अनिवार्य हो सकता है।
सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड को मिली मंजूरी, जाने इसके बारे में विस्तार से
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के पहले सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड फ्रेमवर्क को अप्रूवल दे दिया है। इस मंजूरी के साथ पेरिस समझौते के लक्ष्य के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को और अधिक मजबूती मिलेगी, जिससे ग्रीन प्रोजेक्ट में ग्लोबल और डोमेस्टिक इन्वेस्टमेंट को आकर्षित करने में सहायता मिलेगी। सॉवरने ग्रीन बॉन्ड जारी कर जुटाए जाने वाले राशि को सार्वजनिक क्षेत्र के प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट किया जाएगा जो अर्थव्यवस्था की कार्बन इंटेंसिटी को कम करने में सहायता करेगी। जानें क्या है ग्रीन बॉन्ड योजना, जिसका बजट में रखा गया है प्रस्ताव
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के इतिहास और महत्व के बारे में
भारतीय शिक्षा के नींव रखने वाले भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने देश के शिक्षा को बेहतर करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम के जयंती के अवसर पर भारत में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। मौलाना अब्दुल कलाम ने साल 1947 से 1958 के बीच पंडित जवाहरलाल नेहरू के सरकार के दौरान देश के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में काम किया था। मौलाना अबुल कलाम एक सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, एक विद्वान और प्रख्यात शिक्षाविद थे जो शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध थे।
Biography of Maulana Azad, मौलाना आजाद के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से
भारत में शिक्षा की नींव रखने वाले अबुल कलाम आजाद का असली और पूरा नाम अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन है लेकिन लोग इन्हें मौलाना आजाद के नाम से जानते हैं। स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई के दौरान मौलाना आजाद मुख्य सेनानी के रूप में सामने आए थे। आजाद एक महान वैज्ञानिक, राजनेता, शिक्षाविद् और कवि थे। भारत की आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने के लिए इन्होंने अपने पेशेवर कार्य को छोड़ दिया और देशभक्ति के चलते देश की आजादी के लिए बाकी लोगों के साथ स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल हो गए। मौलाना आजाद महात्मा गांधी के साथ अहिंसा का साथ देते हुए सविनय अवज्ञा और असहयोग आंदोलन में भाग लिया था। अन्य मुसलमान लीडर जैसे मोहम्मद अली जिन्ना आदि से अलग मौलाना आजाद भारत देश की स्वतंत्रता को संप्रदायिक स्वतंत्रता से बढ़कर मानते थे। उन्होंने धार्मिक सद्भाव के लिए काम किया और देश के बंटवारे को लेकर कट्टर प्रतिद्वंदी भी थे। मौलाना आजाद लंबे समय तक भारत की आजादी की लड़ाई लड़ी और भारत-पाकिस्तान विभाजन के गवाह भी बने। भारतीय होने के कारण इन्होंने स्वतंत्रता के बाद पाकिस्तान ना जाकर भारत में ही रहकर देश के विकास में कार्य किया और अपना योगदान दिया। इन्हें देश के पहले शिक्षा मंत्री बनाया गया और देश के शिक्षा पद्धति को सुधारने का जिम्मा इन्हें थमाया गया।
Armistice Day, स्मरण दिवस के इतिहास और महत्व के बारे में विस्तार से
हर साल विश्व के 3 देश यूएसए यूके और कनाडा में 11 नवंबर को 1918 में पहले विश्व युद्ध के अंत के निशानी के रूप में स्मरण दिवस मनाया जाता है। इसे आमतौर पर युद्ध विराम दिवस के रूप में भी जाना जाता है। स्मरण दिवस उस संघर्ष की सेवा करते हुए शहीद सैनिकों के बलिदान को याद करने के लिए हर साल मनाया जाता है जो प्रथम विश्व युद्ध के दौरान देश की सेवा में शहीद हो गए थे।
केंद्र ने टेलीविजन चैनल के लिए क्या गाइडलाइन जारी किया गया है
भारत को अपलिंकिंग हब के रूप में प्रेसिडेंट करने के लिए केंद्र सरकार ने मंगलवार को टेलीविजन चैनल के लिए गाइडलाइन में छूट की घोषणा की है और मुख्य रूप से एंटरटेनमेंट चैनल के लिए 30 मिनट का दैनिक जनहित प्रसारण को अनिवार्य किया गया है। सरकार ने सेटेलाइट टेलीविजन चैनल के लिए संशोधित अपलिंकिंग और डाउन्लिंकिंग गाइडलाइन जारी किए हैं जिसके अंतर्गत अब भारतीय टेलिपोर्ट विदेशी चैनल को आप लिंक कर सकते हैं।