जब दिल में हो जज्बा, तब सीखने की कोई उम्र नहीं होती, जी एस पाण्डेय जी 72 साल की उम्र में सीख रहें हैं 'ग्राफिक डिजाइनिंग'- हम करते हैं सलाम इस हौसले को

Safalta Experts Published by: Nikesh Kumar Updated Mon, 21 Mar 2022 12:49 PM IST

मथुरा के रहने वाले जीएस पांडेय जी का मानना है कि जब किसी व्यक्ति के मन में कुछ सीखने का जज्बा हो तो उसकी बढ़ती उम्र भी उसको वह काम सीखने से नहीं रोक सकती। जी एस पांडे जी की उम्र 72 साल की उम्र में हमारे ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स में एडमिशन लिया है, जो दिखाता है कि उम्र बस एक नंबर है। उन्होंने एक सुबह अखबार में 'ग्राफिक डिजाइनिंग' कोर्स से संबंधित विज्ञापन देखा और तुरंत उन्होंने इस कोर्स में दाखिला लेने का फैसला किया। चलिए जानते हैं जीएस पांडे जी की जुबानी कि किस तरह से उनके मन में ग्राफिक डिजाइनिंग सीखने का ख्याल आया। ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स ज्वाइन करने के लिए यहां क्लिक करें-

Source: Safalta


 

"बैंक प्रबंधक के पद से लगभग 12 वर्ष पूर्व सेवानिवृत होने के पश्चात् स्वयं को व्यस्त रखने की दृष्टि से ज्ञानार्जन एवं स्वाध्याय सर्वोतम साधन प्रतीत हुआ। इसी क्रम में एक दिन अमर उजाला में ऑनलाइन शिक्षा प्रदाता सफलता डॉट कॉम के विभिन्न विज्ञापन देखकर उनके द्वारा संचालित किए जारहे बेसिक ग्राफिक्स डिजाइन पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने की इच्छा बलवती हुई। किन्तु विचार आया कि वरिष्ठ नागरिक होने के कारण संभवतः प्रवेश न मिले। फिर भी संबंधित अधिकारी से इस हेतु मैंने संपर्क किया और मुझे बहुत सरलता से तुरंत पाठ्यक्रम में प्रवेश मिल गया। वर्तमान में मैं इस पाठ्यक्रम में अध्ययनरत हूँ।

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इस पाठ्यक्रम के अन्तर्गत एडवांस्ड डिजिटल मार्केटिंग कोर्स के विषय में भी विशेषजों के साथ लाइव सेशन का आयोजन किया गया। मन में विचार आया कि हम जो कुछ सीख रहे हैं उसका उपयोग एवं विस्तार डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में भी है। कम से कम हम अपने परिवार एवं समाज के युवाओं को स्वावलंबी बनने के लिए प्रेरित तो कर ही सकेंगे साथ में तेजी से प्रगति कर रहे इस क्षेत्रका सटीक तकनीकी जान भी प्राप्त कर सकेंगे। जानार्जन सदैव उपयोगी तो होता ही है तथा समय के सदुपयोग के साथ प्रभावी एवं लाभकारी रचनात्मकता का कारण भी बन सकता है। आवश्यकता इस शास्त्रवचन के पालन करने की है स्वाध्यायान्मा प्रमदः अर्थात् अध्ययन में प्रमाद नहीं करना चाहिए। वृद्धावस्था में ही हमारे अधिकतर ऋषि-मुनियों ने इसी मर्यादा का पालन करते हुए प्रत्येक क्षेत्र में असीम जान को प्राप्त कर मानवमात्र के लिए उत्कृष्ट एवं सर्वोपयोगी ग्रन्थों की रचना का स्तुत्य कार्य किया उन्नत के चलते हमारे पास वर्तमान में उच्चस्तरीय साधन उपलब्ध है फिर हमें उनका उपयोग करने में पीछे नहीं रहना चाहिए ।

निश्चित रूप से सफलता द्वारा चलाए जा रहे ये तथा अन्य पाठ्यक्रम हम जैसे वरिष्ठ नागरिकों में नवऊजी का संचार कर हमे समाज के लिए और अधिक उपयोगी बना रहे है।"

जी एस पाण्डेय

अगर आप भी बदलती दुनिया के बदलते दौर में कुछ नया सीखना चाहते हैं और अपने करियर को एक बूस्ट देना चाहते हैं, तो आज ही ज्वाइन करें  ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स । मीडिया टेलीविजन इंडस्ट्री में ग्राफिक डिजाइनर की बहुत बड़ी मांग है, ग्राफिक डिजाइनिंग सीख कर आप आसानी से मीडिया एव टेलीविजन इंडस्ट्री में अपना करियर बना सकते हैं। 

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